Mujhme Om Tujhme Om, Sabme Om Samaya. Lyrics in Hindi
मुझ में ओम तुझ में ओम, सब में ओम समाया।
सबसे कर लो प्रीत जगत में, कोई नहीं पराया।।
मुझ में ओम तुझ में ओम ..........................।।
एक बाग के फूल हैं हम सब, एक माला के मोती।
जितने हैं संसार में प्राणी, सबमें है इक ज्योति।।
एक ही शक्ति है कण-कण में, सब में ओम समाया।
सबसे कर लो प्रीत जगत में.........................।।
ऊंच नीच और भेद भाव की दीवारों को तोड़ो।
बदला जमाना तुम भी बदलो, बुरी आदतें छोड़ो।।
जागो और जगाओ सबको, समय है ऐसा आया।
सबसे कर लो प्रीत जगत में.........................।।
एक पिता के बेटे हैं हम, एक हमारी माता।
दाना पानी देने वाला, एक हमारा दाता।।
ना जाने किस मूरख ने है लड़ना हमें सिखाया।
सबसे कर लो प्रीत जगत में.........................।।
मुझ में ओम तुझ में ओम, सब में ओम समाया।
सबसे कर लो प्रीत जगत में, कोई नहीं पराया।।
सबसे कर लो प्रीत जगत में, कोई नहीं पराया।।
मुझ में ओम तुझ में ओम ..........................।।
एक बाग के फूल हैं हम सब, एक माला के मोती।
जितने हैं संसार में प्राणी, सबमें है इक ज्योति।।
एक ही शक्ति है कण-कण में, सब में ओम समाया।
सबसे कर लो प्रीत जगत में.........................।।
ऊंच नीच और भेद भाव की दीवारों को तोड़ो।
बदला जमाना तुम भी बदलो, बुरी आदतें छोड़ो।।
जागो और जगाओ सबको, समय है ऐसा आया।
सबसे कर लो प्रीत जगत में.........................।।
एक पिता के बेटे हैं हम, एक हमारी माता।
दाना पानी देने वाला, एक हमारा दाता।।
ना जाने किस मूरख ने है लड़ना हमें सिखाया।
सबसे कर लो प्रीत जगत में.........................।।
मुझ में ओम तुझ में ओम, सब में ओम समाया।
सबसे कर लो प्रीत जगत में, कोई नहीं पराया।।
Very nice
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DeleteIt is too...much I didn't hear any poem like this 😔 it is amm.....azing.......
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